हमने अपने ही दबे-कुचले भाइयों को ज्ञान की एक झलक भी उनके हिस्से में न आने देने के लिए यह व्यवस्था की कि अगर अमुक वर्ग धार्मिक ग्रंथों की एक भी पंक्ति सुन लेने का दुस्साहस करेगा तो उसकी सजा उबलता हुआ सीसा कानों में डालकर हमेशा के लिए उसकी श्रवण शक्ति समाप्त करना होगी।